अब अगर सड़कों पर गड्ढे पड़े हों और उनसे दुर्घटना घटित हो जाये तो वह राष्ट्रीय राजमार्ग जिस जिले में होगा उस जिले का डी•एम• इसके लिए दोषी माना जायेगा अलग खबर डाॅट काॅम, मामला केरल उच्च न्यायालय के बीते शुक्रवार को दिये आदेश का है जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश मे कहा है कि भविष्य में होने वाली हर सड़क दुर्घटना के बारे में जिलाधिकारी को बताना होगा कि उक्त दुर्घटना का कारण सड़क में बने गड्ढे थे। अपने फैसले के तहत माननीय न्यायालय ने आगे निर्देशित किया है कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरढ के अध्यक्ष के तौर पर जिलाधिकारी के अधीन आने वाले अधिकारियों को हर सड़क का दौरा करने तथा सड़क के हालात देखकर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं कि वे गड्ढे मुक्त हों आपदा मुक्त हों कहीं यह ना हो कि इनके कारण कोई दुर्घटना घटित हो जाये इससे पहले ही सड़कों का निदान -अलग खबर डाॅट काॅम ।
अपने निर्देश में माननीय उच्च न्यायालय ने आग कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानो के तहत गड्ढों का निर्माण मानव निर्मित आपदायें थी और जिला कलेक्टर का एक कर्तव्य यह भी है कि वे अपनी वैधानिक शक्तियों का उपयोग कर इस दिशा में कार्य करें। विद्वान न्यायाधीश देवेन रामचन्द्रन ने कहा कि यह उचित नही है कि इसको लेकर बार बार जिला कलेक्टरों को फटकार लगाई जाये।
वहीं माननीय उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना मे मारा जाता है तब भारत सरकार और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की विशेष जिम्मेदारी या भूमिका होगी।इसको लेकर माननीय उच्च न्यायालय ने भारत के सहायक सालिसिटर जनरल एड़वोकेट एस• मनु को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से विशिष्ट निर्देशों को प्राप्त करने का निर्देश भी दिया है और इसे न्यायालय के सम्मुख एक अधिवक्ता अथवा प्रतिवाद के रूप में पेश करने के निर्देश दिये हैं। वहीं माननीय उच्चन्यायालय ने इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग और निगमों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि बिना किसी अपवाद के सड़कों की मरम्मत की जाए और इसको लेकर दो सप्ताह का समय तय किया गया है।न्यायालय ने कहा है कि जनता को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जिलाधिकारियों से सम्पर्क करने की स्वतंत्रता होगी तथा जिलाधिकारी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में बाध्य होंगे। माननीय न्यायालय ने आगे निर्देशित करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों को ऐंसे मामले के रूप मे पंजीकृत किया जाए जिससे उस पर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा सके माननीय न्यायालय ने आगाह करते हुए कहा कि इसे उनके वैधानिक कर्तव्यों के उल्लंघन के रूप में देखा जायेगा और न्यायालय इसको लेकर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश देगा।
भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण सड़कों पर बड़े गड्ढे भी होते हैं जिसमें हर साल हजारों लोग जान गंवाते हैं कुछ गम्भीर रूप से घायल हो जीवन भर विकलांगता के शिकार होते हैं भारत सरकार का सड़क परिवहन मंत्रालय हर साल देश के टैक्स पेयर का हजारों करोड़ केन्द्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के माध्यम से सड़क निर्माण पर खर्च करता है लेकिन गुणवत्ता की कमी या दूसरे कारणों से सड़कों पर भारी भरकम गड्ढे बन जाते हैं जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।माननीय केल न्यायालय का यह फैसला और उसके आलोक मे दिए गये निर्देश पूरे भारत में नजीर बनेंगे तथा जिलाधिकारी तथा सड़क निर्माण से जुड़ी एजेंसियों को इससे सबक लेना सबके हित में होगा - अजय तिवाड़ी।।

