अग्निवीर भर्ती मामले में महाराज के पत्र और शोसल मीडिया पर जारी बयानों के मायने! (अजय तिवाड़ी) - सतपाल महाराज ने कोटद्वार में चल रही सेना की अग्निवीर भर्ती चयन प्रक्रिया में तय मानकों का अनुपालन ना होने को लेकर केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट को पत्र लिखकर सेना के एक कर्नल पर उत्तराखण्ड के युवाओं के लिए सेना में भर्ती के तय मानकों के अनुपालन ना होने का आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है साथ ही शोसल मीडिया में भी इसी तरह का बयान जारी किया है । सतपाल महाराज केन्द्र में तत्कालीन तिवाड़ी कांग्रेस के सांसद के रूप में रेल राज्यमंत्री रह चुके हैं तथा कांग्रेस और फिर भारतीय जनता पार्टी में है तथा लगातार दो बार भाजपा की प्रदेश सरकार में हैवीवेट कैबिनेट मंत्री है आर्थात उनको विधायी और संसदीय कार्यों का लम्बा चौड़ा अनुभव है अतः यह तय है कि शोसल मीडिया के माध्यम से और सार्वजनिक रूप से केन्द्रीय रक्षामंत्री और रक्षा राज्यमंत्री को पत्र लिखने के पीछे के घटनाक्रम को उत्तराखण्ड मे राजनीति के पण्डित एक बड़े सियासी घटनाक्रम के रूप में देख रहे हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी जो अपने को एक राजनैतिक अनुशासन प्रिय पार्टी बताती है और इस लिहाज से सीधे देश की सेना के भर्ती को लेकर सतपाल महाराज जैंसे वरिष्ठ नेता का पार्टी फोरम मे अथवा निजी तौर पर केन्द्र सरकार अथवा रक्षामंत्री के सामने रखने का विकल्प था जो कि खुद को अनुशासन प्रिय पार्टी बतलाने वाली भाजपा के लिए जनता के बीच बेहतर संदेश होता, इसके विपरीत सेना भर्ती जैंसे इतने महत्वपूर्ण बिषय पर अपनी बात रखने के लिए सतपाल महाराज ने सार्वजनिक रूप से शोसल मीडिया और केन्द्रीय रक्षामंत्री और रक्षा राज्यमंत्री को पत्राचार किया है सतपाल महाराज ने अपने बयान में कहा है उत्तराखण्ड के लोग कम लम्बाई के होते है अतः उन्हें लम्बाई के मानकों में पूर्व मे छूट मिली है लेकिन अग्निवीर भर्ती में इस तय मानक का पालन नही किया गया है इसके साथ ही चयन के लिए आयोजित दौड़ मे भी तय समय से कम में दौड़ पूरी कराई जा रही है जो कि उचित नही है तथा इसको लेकर कई युवाओं ने उनसे इस संदर्भ में शिकायत की है , यद्यपि सतपाल महाराज के इस बयान पर अभी सेना भर्ती आयोजकों का बयान नही आया है जिससे कि वास्तविकता का पता चल सके कि वास्तविकता क्या है क्योंकि कई बार देखा जाता है कि अपने प्रयासो मे असफलता के चलते आक्रोश मे इस तरह के आरोप भी लगा दिये जाते हैं लेकिन जो भी हो भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेठ सेना है और यह तय है कि चयन प्रक्रिया में निश्चित रूप से पारदर्शिता अपनाई गई होगी, लेकिन सतपाल महाराज जैंसे वरिष्ठ और कद्दावर नेता अगर खुले मंच जिसमें सार्वजनिक पत्र व्यवहार और शोसल मीडिया के माध्यम से अग्निवीरों की सेना में भर्ती को लेकर बयान जारी कर रहे हैं तो यह साधारण मामला नही माना जाना चाहिए तथा इस घटना के उत्तराखण्ड की राजनीति मे बड़े प्रभाव दिखाई दे सकते हैं यद्यपि सतपाल महाराज का जिस तरह का राजनैतिक जीवन रहा है उनके अब तक के राजनैतिक जीवन में विवादों से दूर रहने वाले राजनेता का रहा है जिनके बयान गंभीर और तोल मोल कर दिये जाने वाले रहे हैं अतः अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया पर सार्वजनिक रूप से प्रश्न उठाकर सतपाल महाराज ने भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व के सामने विकट समस्या तो पैदा कर ही दी है कि महाराज जैसें वरिष्ठ नेता ने पार्टी फोरम पर अथवा सीधे केन्द्रीय रक्षामंत्री से मिलकर इस मुद्दे को क्यों नही रखा।हालांकि वर्तमान में महाराज के बयान को लेकर पार्टी अभी अधिक हाय तोबा मचाने के बजाय इसे पर्वतीय क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के पक्ष में दिया गया बयान मानकर चल रही है और हकीकत यह भी बन गई है है कि सेना में भर्ती, शिक्षा विभाग में शिक्षक बनना पहाड़ के युवाओं को सर्वाधिक पंसद है और यहां के युवा सबसे अधिक यहीं रोजगार प्राप्त भी करते हैं ।सतपाल महाराज उत्तराखण्ड भाजपा के कद्दावर नेता हैं तथा सरकार में मुख्यमंत्री के बाद नम्बर दो पर माने जाते है इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण विभाग भी उन्हीं को दिये गये हैं , सतपाल महाराज एक धार्मिक संस्थान के प्रमुख भी हैं लेकिन उनकी प्राथमिक पार्टी कांग्रेस रही है और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ वैचारिक मतभेदों के चलते वे कांग्रेस छोड़ भाजपा के साथ आये हैं ।अगर साधारण रूप से देखा जाये तो सतपाल महाराज का सेना मे अग्निवीर भर्ती चयन को लेकर उठाया गया प्रश्न उत्तराखण्ड के उन युवाओं के पक्ष में दिया गया बयान समझा जायेगा जो सेना में भर्ती होकर रोजगार पाना चाहते हैं लेकिन तस्वीर का महत्वपूर्ण पहलू जिसको लेकर उत्तराखण्ड की राजनीति को अच्छे से समझने का दम भरने वाले राजनीति के जानकार महाराज द्वारा अपनी बात पार्टी फोरम और सीधे रक्षामंत्री से मिलकर उनके सामने रखने के बजाय सार्वजनिक रूप से पत्र भेजने और शोसल मीडिया प्लेटफार्म के उपयोग को लेकर सवाल उठा रहे हैं और कहा जा रहा है कुछ समय बाद इस घटना के परिणाम सामने दिखाई दे सकते हैं।(अजय तिवाड़ी)
अग्निवीर भर्ती चयन को लेकर सतपाल महाराज का सार्वजनिक रूप से सवाल उठाने के क्या हैं मायने
अगस्त 24, 2022
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