यूकेडी ने वन विकास निगम में कथित रूप से छंटनीशुदा कर्मचारियों की जगह बैक डोर नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा- अलग खबर- उत्तराखण्ड क्रान्तिदल के केन्द्रीय महामंत्री(निवर्तमान) महेन्द्र सिंह रावत और उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के नेताओं ने एक ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को प्रेषित करते हुए वन विकास निगम मे 1995 मे 582 चौकीदारों तथा स्केलरों की छंटनी की गई थी तथा कहा गया था कि वर्तमान में वन विकास निगम में होने वाले कार्यों मे कमी के चलते उनकी छंटनी की जा रही है।जिसको लेकर छंटनी किये गये चौकीदारों तथा स्कैलरों ने नियुक्ति की मांग को लेकर आन्दोलन भी किये उन्होने कहा कि छंटनी के आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि कार्य आने पर छंटनीशुदा कर्मियों को कार्य पर लिथा जायेगा लेकिन वन विकास निगम द्वारा छंटनीशुदा कर्मचारियों की जगह बैक डोर से नियुक्तियां कर दी गई। अलग खबर
उपजिलाधिकारी को सौंपे
ज्ञापन मे कहा गया है कि वन निगम के छंटनी किये गये कर्मचारियों के लिए उत्तराखण्ड विधान सभा द्वारा गठित समिति 22-11-2001 जो प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष श्री प्रकाश द्वारा गठित समिति के सभापति राम सिंह सैनी छंटनीशुदा कर्मचारियों की आयु तथा शैक्षिक योग्यता को देखते हुये उन्हे नवगठित उत्तरांचल राज्य (तत्कालीन नाम) में वन विकास निगम में रिक्त पदों पर एवं भविष्य में सृजित किये जाने वाले श्रेणी 3 और 4 के पदों पर सर्व प्रथम छंटनी किये गये कर्मचारियों का समायोजन करने की संस्तुति की गई थी, जिसका आदेश भी ज्ञापन मे संलग्न किया गया है। यूकेडी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कथित रूप से बैक डोर भर्तियों की जगह छंटनी किये गये कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग ज्ञापन के माध्यम से की है।अलग खबर । ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में यूकेडी के केन्द्रीय महामंत्री निवर्तमान महेन्द्र सिंह रावत, हरीश द्विवेदी, हयात सिंह गुसांई, गुलाब सिंह रावत, अनूप भट्ट, बीरेन्द्र थलैड़ी आदि के नाम शामिल हैं *अलग खबर*



