खेल व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास में निभाते हैं महत्वपूर्ण भूमिका- राजीव थपलियाल

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 अलग खबर डाट• काॅम


खेल व्यक्ति के संपूर्ण विकास में एक अहम भूमिका निभाते हैं। एकता, भाईचारे, निस्वार्थ और मैत्री भावना जैसे गुण जो वह किताबों से सीखता है, खेलों में उन्हें वह अपनाता है। खेलों में भाग लेने से प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है जिससे व्यक्ति पढ़ाई में ओर बेहतरीन करने लगता है | दिनांक २९ अगस्त को मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में हम सभी भारतीय राष्ट्रीय खेल दिवस मनाते हैं | इसी श्रंखला में आज *स्वैछिक शिक्षक समूह, कोटद्वार* द्वारा *खेल संध्या* का आयोजन किया गया | इस अवसर पर विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें 16 शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया |

सत्र में शिक्षकों द्वारा खेलों के प्रति उनके व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया गया । 

खेल हमे एकाग्रचित्त होकर कार्य करने में मदद करते हैं। खेल खेलने से सद्भावना का विकास होता है और हम सकारात्मक चीजों की तरफ अग्रसर होते हैं। खेलों से बच्चों की सोचने समझने की शक्ति में वृद्धि होती है जिसका लाभ उन्हें पढ़ाई लिखाई में होता है। खेलों के क्षेत्र में भविष्य का निर्माण भी किया जा सकता है। यह आजीविका अर्जन का भी बेहतरीन मार्ग है।

*बलून फाइट, म्यूजिकल चेयर, लेमन रेस, और जलेबी दौड़* खेलों के माध्यम प्रतिभागी शिक्षक साथियों ने अपने बचपन को याद करते हुए, खेलों के हमारे जीवन में महत्व का अनुभव भी किया | इस अवसर पर राजीव थपलियाल, जागृति कुकरेती, सरिता मेंदोला, आशा बुड़ाकोटी, निधि नौटियाल, लक्ष्मी नैथानी, शबनम अहमद, सुधा बलोधी,ममता भंडारी, अंजली, अमित गोयल,सौरभ, हिमांशु नैथानी, श्रुतिका, अनुराग तिवारी, यशपाल बिष्ट,योजना मेंदोला आदि उपस्थित रहे |





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